चैतन्य भारत न्यूज
देवों के देव महादेव भगवान शिव की श्रीखंड यात्रा 15 जुलाई से शुरू होने जा रही है। अमरनाथ, केदारनाथ और कैलाश मानसरोवर से भी कठिन मानी जाने वाली श्रीखंड महादेव की यात्रा में कई भक्त शामिल होते हैं। श्रीखंड महादेव यात्रा के दौरान मार्ग में निरमंड में सात मंदिर, जाओ में माता पार्वती का मंदिर, जोताकली, बकासुर वध, परशुराम मंदिर, दक्षिणेश्वर महादेव, हनुमान मंदिर अरसु, ढंक द्वार सहित 72 फीट ऊंचा प्राकृतिक शिवलिंग आता है। यही कारण है कि, लोग अपनी जान जोखिम में डालकर श्रीखंड यात्रा के लिए जाते हैं।
15 जुलाई से शुरू होने वाली श्रीखंड महादेव की यात्रा 25 जुलाई को समाप्त होगी। ऐसे में जो भी भक्त शिव दर्शन के लिए जाना चाहे वह 10 से 14 जुलाई के बीच अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। खबरों के मुताबिक, रजिस्ट्रेशन के लिए यात्रियों को शारीरिक जांच प्रमाण पत्र भी देना होगा। 18,500 फीट ऊंची पहाड़ी पर बसे श्रीखंड महादेव के दर्शन के लिए भक्तों को 35 किलोमीटर की जोखिम भरी यात्रा पार करना पड़ता है।श्रीखंड महादेव जाने के लिए शिमला जिले के रामपुर से कुल्लू जिला के निरमंड होकर बागीपुल और जाओं तक गाड़ियों और बस के माध्यम से पहुंचना पड़ता है। इसके बाद करीब 30 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है।
मान्यता के अनुसार यही वो जगह है जहां भगवान शिव से वरदान पाने वाले भस्मासुर को भगवान विष्णु ने मोहिनी बनकर नृत्य के लिए राजी किया था। नृत्य के दौरान भस्मासुर ने अपना हाथ सिर पर रखा और वह भस्म हो गया था। इसी कारण आज भी यहां की मिट्टी और पानी दूर से देखने पर लाल रंग के दिखाई देते हैं।
यात्रा के दौरान रखें इन बातों का ध्यान-
- इस यात्रा में केवल शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति ही जा सकते हैं।
- पंजीकरण के समय अपनी जानकारी के साथ-साथ परिजनों का भी पूरा पता दें। साथ ही मोबाइल फोन नंबर जरूर लिखवाएं।
- यात्रा के समय किसी भी तरह का नशा न करें।
- श्रीखंड यात्रा के दौरान गर्म कपड़े, अच्छी पकड़ वाले जूते जरूर लेकर जाएं।
- बेसकैंप पर पंजीकरण अवश्य करवाएं।
- यात्रा करने में जल्दबाजी न करें बल्कि धीरे-धीरे चढ़ाई चढ़ें।
ये भी पढ़े…
शुरू हुई अमरनाथ यात्रा, बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना
बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले, कभी ये हुआ करता था भगवान शिव का निवास स्थल लेकिन विष्णु ने धोखे से कर लिया था कब्जा
भारत ही नहीं विदेशों में भी बड़े ही धूमधाम से निकाली जाती है जगन्नाथ रथयात्रा