चैतन्य भारत न्यूज
सोमवती अमावस्या के अवसर पर सोमवार को देशभर में श्रद्धालुओं ने आस्था की डूबकी लगाईं। लाखों की संख्या में श्रद्धालु धर्मनगरी हरिद्वार, महाकाल नगरी उज्जैन समेत धार्मिक स्थलों पर स्नान करने पहुंचे। तपती गर्मी से बचने के लिए लोगों का देर रात से ही नदियों में आस्था की डुबकी लगाने का दौर शुरू हो गया था।
ऐसी मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के अवसर पर किसी पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही उसके सभी दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं। इस खास दिन पिंड दान करने और तर्पण करने से भी पितरों को शांति मिलती है। बता दें सोमवती अमावस्या और शनि जयंती इस बार साथ में हैं और ऐसा दुर्लभ संयोग 149 साल बाद आया है। इसी के चलते आज बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने पहुंचे।
उज्जैन के राम घाट पर भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. यहां उन्होंने शिप्रा नदी में स्नान कर पीपल के पेड़ और वट वृक्ष की परिक्रमा कर दान पूर्ण भी किया। पौराणिक मान्यता है कि शिप्रा नदी में स्नान करने के पश्चात दान-पुण्य करने से शरीर के विकार और शनि की बुरी दशा से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही इससे घर में सुख-शांति भी बनी रहती है।