चैतन्य भारत न्यूज
जीते जी किसी का अंतिम संस्कार करना या करवाना सुनकर आपको बहुत अजीब लग सकता है लेकिन दक्षिण कोरिया में जीवित रहते हुए भी लोग अपनी अंतिम संस्कार की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। वह जिंदगी को बेहतर ढंग से समझने के लिए मौत का अहसास कर रहे हैं।
जी हां… इसे ‘लिविंग फ्यूनरल’ नाम दिया गया है। यह एक हीलिंग कंपनी की पेशकश है। कंपनी का दावा है बड़ी संख्या में लोग स्वेच्छा से हमारे पास आ रहे हैं। खबरों के मुताबिक, साल 2012 में कंपनी Hyowon Healing Center ने ‘लिविंग फ्यूनरल’ यानी अंतिम संस्कार के नाम से एक प्रक्रिया शुरू की थी। जिसमें जीवित व्यक्ति अपनी मौत का एहसास करते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सात साल में करीब 25000 लोग जीवित रहते अंतिम संस्कार की प्रक्रिया से गुजर चुके हैं। उन्हें उम्मीद है कि जीवन खत्म होने से पहले मौत का एहसास करके वे अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं।
क्या है ‘लिविंग फ्यूनरल’
कंपनी ने कहा कि, इस प्रक्रिया में 15 से 75 साल की उम्र तक के लोगों ने हिस्सा लिया। ये लोग करीब 10 मिनट तक एक बंद ताबूत में कफन ओढ़कर लेटे रहे। इससे पहले उनके अंतिम संस्कार की फोटो ली गईं और उन्होंने अपनी अंतिम इच्छा भी लिखी। इस दौरान वे सभी रस्में पूरी की जाती हैं, जो किसी व्यक्ति की असल मौत के वक्त होती हैं।
कैसा रहा लोगों का अनुभव
लिविंग फ्यूनरल से गुजर चुके 75 साल के चो जे-ही ने बताया कि, ‘एक बार जब आप मौत को महसूस कर लेते हैं तो उसे लेकर सचेत हो जाते हैं। तब आप जीवन में एक नया दृष्टिकोण अपनाते हैं।’ उन्होंने बताया कि, ‘ये एक मौत के कुंए के जैसा था। लेकिन जब आप एक इस कुंए से बाहर निकलते हैं, मृत्यु से अवगत हो जाते हैं और इसे अनुभव करते हैं। इसके बाद आपका जिंदगी जीने का नजरिया बदल जाता है।