चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. महात्मा गांधी को भारत रत्न देने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया है। बता दें याचिका में मांग की गई थी कि महात्मा गांधी को भारत रत्न देने के लिए कोर्ट केंद्र सरकार को निर्देश दे। लेकिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कोई भी दिशा-निर्देश देने से मना कर दिया है।
गांधी जी भारत रत्न से कहीं ऊपर
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने अनिल दत्ता नामक व्यक्ति की याचिका यह कहकर खारिज कर दी कि, गांधी जी राष्ट्रपिता हैं और उन्हें औपचारिक सम्मान की जरूरत नहीं है। चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा कि, ‘लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का बेहद सम्मान करते हैं। लोगों के मन में वे पहले ही भारत रत्न से कहीं ऊपर हैं। उन्हें इस तरह की किसी आधिकारिक पहचान की जरूरत नहीं। ऐसे में उन्हें भारत रत्न जैसे सम्मान की जरूरत नहीं है।’
Supreme Court, while declining to pass any order in the PIL, said that Mahatma Gandhi is much higher than Bharat Ratna. https://t.co/0Fs4nY9DPk
— ANI (@ANI) January 17, 2020
सरकार से कई बार की गई सिफारिश
बता दें इससे पहले साल 2012 में भी कर्नाटक हाईकोर्ट में महात्मा गांधी को भारत रत्न दिए जाने को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी। लेकिन उस समय भी याचिका खारिज कर दी गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, कई बार महात्मा गांधी को भारत रत्न दिए जाने को लेकर सरकार से सिफारिश भी की गई है, लेकिन उन्हें अब तक भारत रत्न नहीं दिया गया।
क्या है भारत रत्न
भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है और यह सम्मान असाधारण राष्ट्रीय सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। शुरुआत में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, लेकिन साल 1955 में बाद में यह प्रावधान जोड़ा गया। अब तक 48 शख्सियतें भारत रत्न से सम्मानित हो चुकी हैं। हर साल भारत रत्न के लिए अधिकतम तीन लोगों को चयनित किया जा सकता है।
भारत रत्न सम्मान में एक पदक और प्रशस्ति पत्र (Praise Letter) दिया जाता है। पीपल के पत्ते के आकार के इस पदक पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना होता है जिसके नीचे चांदी से ‘भारत रत्न’ लिखा रहता है। इस पदक का आकार 5.8 सेमी लंबा और 4.7 सेमी चौथा और 3.1 मिमी मोटाई का होता है। यह पदक तांबे का बना होता है। इसे सफेद फीते के साथ गले में पहना जाता है।