चैतन्य भारत न्यूज
26 दिसंबर को साल 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ये वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा, जिसमें सूर्य एक आग की अंगूठी की तरह नजर आएगा। भारतीय समयानुसार यह ग्रहण सुबह 8 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर 10 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, लगभग तीन सदी के बाद ऐसा सूर्य ग्रहण है, जिसका अशुभ से ज्यादा शुभ असर देखने को मिल सकता है। आइए जानते हैं क्या होता है सूर्य ग्रहण और इसे देखने के नियम।
क्या होता है सूर्य ग्रहण
पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है और साथ-साथ वह सौरमंडल में सूर्य के चक्कर भी लगाती है। पृथ्वी का खुद का एक उपग्रह है जिसका नाम है चांद या चंद्रमा जो पृथ्वी के चक्कर लगाता है। इस दौरान जब भी चंद्रमा अपनी धूरी पर चलता हुआ सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तो उस समय पृथ्वी पर सूर्य दिखना बंद हो जाता है। इसे सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
सूर्यग्रहण के दौरान इन बातों का खास ख्याल रखें
- सूर्य ग्रहण के दौरान अक्सर लोग नंगी आंखों से सूरज को देखते हैं। ऐसा न करें। यह आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है।
- अगर आपको सूर्यग्रहण देखना है तो इसके लिए सोलर फिल्टर चश्मे का इस्तेमाल करें।
- सोलर फिल्टर चश्मे को सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस भी कहा जाता है।
- सूर्यग्रहण के दौरान सूरज को पिनहोल, टेलेस्कोप या फिर दूरबीन से ही देखें।