चैतन्य भारत न्यूज
इंदौर. भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को दावा किया है कि, इंदौर के नंदा नगर स्थित उनके घर के निर्माण कार्य में संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक मजदूर के रूप में काम कर रहे थे। बता दें विजयवर्गीय का निवास इंदौर में है और वे भाजपा की ओर से बंगाल के प्रभारी भी हैं।
एक सामाजिक संगठन के कार्यक्रम में विजयवर्गीय ने बताया कि, ‘मेरे छोटे बेटे की अगले महीने शादी है। मजदूर उसका कमरा तैयार कर रहे थे। जब मैं घर पहुंचा तो पांच-छह मजदूर एक ही थाली में पोहे खा रहे थे। मैंने नौकर से पूछा कि उन्हें खाना क्यों नहीं दिया तो नौकर ने कहा कि ये सिर्फ पोहे ही खाते हैं। मैंने मजदूरों से पूछा कि कहां से हो तो वे बता नहीं पाए, क्योंकि उन्हें हिंदी नहीं आती थी।’
उन्होंने आगे कहा कि, ‘बाद में मैंने ठेकेदार के कर्मचारी से पूछा कि मजदूर कहां के थे तो उसने बताया कि बंगाल के। मैंने बंगाल में जिले का नाम पूछा तो वे कुछ नहीं बता पाए। अगले दिन ठेकेदार से पूछा कि मजदूर कहां के रहने वाले हैं तो उसने कहा कि शायद दूसरे देश के हैं। मैंने उससे पूछा कि तुम उन्हें मेरे यहां क्यों लाए तो ठेकेदार ने कहा कि वे पैसे कम लेते हैं। सुबह नौ से रात नौ बजे तक काम करते हैं। हम दोनों समय खाना और 300 रुपए देते हैं, जबकि हमारे यहां के मजदूर 600 रुपए लेते हैं।’
बाद में विजयवर्गीय को संदेह हुआ कि मजदूर बांग्लादेश के रहने वाले हैं। विजयवर्गीय ने कहा कि, ‘मुझे शंका थी कि ये मजदूर बांग्लादेश के रहने वाले हैं। मुझे संदेह होने के दूसरे ही दिन उन्होंने मेरे घर काम करना बंद कर दिया था। मैंने पुलिस के सामने इस मामले में फिलहाल शिकायत दर्ज नहीं कराई है। मैंने तो केवल लोगों को सचेत करने के लिए उन मजदूरों का जिक्र किया था।’
कार्यक्रम के दौरान विजयवर्गीय ने यह भी दावा किया कि, ‘बांग्लादेश का एक आतंकवादी पिछले डेढ़ साल से उनकी ‘रेकी’ (नजर रखना) कर रहा था। उन्होंने बताया कि, ‘मुझे ज्यादा सुरक्षा पसंद नहीं है। मंत्री था तब भी साथ में सुरक्षाकर्मी नहीं रखता था। लेकिन, घुसपैठिए देश के कई हिस्सों में हैं। मैं जब भी बाहर निकलता हूं, तो छह-छह बंदूकधारी सुरक्षाकर्मी मेरे आगे-पीछे चलते हैं। यह देश में आखिर क्या हो रहा है? क्या बाहर के लोग देश में घुसकर इतना आतंक फैला देंगे?’
इस दौरान विजयवर्गीय ने नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करते हुए कहा कि, ‘भ्रम और अफवाहों के चक्कर में मत आइये। सीएए देश के हित में है। यह कानून भारत में वास्तविक शरणार्थियों को शरण देगा और उन घुसपैठियों की पहचान करेगा जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिये खतरा है।’
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