चैतन्य भारत न्यूज
बैंकाक. चीन से फैले कोरोना वायरस का कहर दुनियाभर में जारी है। इस वायरस की चपेट में आकर अब तक करीब 17387 लोग बीमार हो चुके हैं। इनमें से 17205 लोग सिर्फ चीन में ही संक्रमित हैं। चीन में कोरोना वायरस की चपेट में आकर अब तक 361 लोगों की मौत हो चुकी है। दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना वायरस का इलाज खोजने में लगे हैं। इसी बीच कोरोना वायरस से बचने के लिए थाईलैंड के डॉक्टरों ने कुछ दवाओं को मिलाकर एक नई दवा बनाई है।
थाईलैंड की सरकार का दावा है कि, यह दवा कारगर भी है। इसे देने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित एक मरीज 48 घंटे में ही ठीक हो गया। थाईलैंड के डॉ. क्रिएनसाक अतिपॉर्नवानिच ने कहा कि, ‘हमने 71 वर्षीय महिला मरीज को अपनी नई दवाई देकर 48 घंटे में 90 फीसदी तक ठीक कर दिया। इस दवा को लेने के 12 घंटे में ही मरीज बिस्तर पर उठकर बैठ गई। दवा लेने से पहले वह हिल भी नहीं पा रही थी। हमें उसे कुछ दिन में पूरी तरह से ठीक करके घर भेज देंगे।’
डॉ. क्रिएनसाक अतिपॉर्नवानिच ने यह भी बताया कि, ‘हमने लैब में इस दवा का परीक्षण किया तो हमें इसके बेहद सकारात्मक परिणाम भी मिले। इसने 12 घंटों में ही मरीज को राहत पहुंचा दी। 48 घंटे में तो मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुका है।’
डॉ. अतिपॉर्नवानिच ने मुताबिक, कोरोना वायरस के इलाज के लिए उन्होंने एंटी-फ्लू ड्रग ओसेल्टामिविर को लोपिनाविर और रिटोनाविर से मिलाकर नई दवा बनाई है। यह दवा बेहद इस बीमारी से लड़ने में बेहद कारगर साबित हुई है। डॉ. अतिपॉर्नवानिच ने बताया कि, ‘कोरोना वायरस के इलाज के लिए हमने एंटी-फ्लू ड्रग ओसेल्टामिविर को HIV के इलाज के लिए उपयोग में लाई जाने वाली लोपिनाविर और रिटोनाविर से मिलाकर नई दवा बनाई है।’
सूत्रों के मुताबिक, थाईलैंड में कोरोना वायरस के अब तक कुल 19 मामले सामने आए हैं, जिनकी पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 8 मरीजों को 14 दिनों में ठीक करके उनके घर भी भेजा जा चुका है। अन्य 11 लोगों का फिलहाल इलाज चल रहा है।
डॉ. अतिपॉर्नवानिच को उम्मीद है कि उनकी यह नई दवा से जल्द ही कोरोना वायरस की चपेट में आए लोगों को ठीक किया जा सकता है। फिलहाल इस दवा को थाईलैंड की सरकार ने अपने केंद्रीय प्रयोगशाला में और मजबूत व सटीक बनाने के लिए भेजा है। यदि दवा प्रयोगशाला के परीक्षणों में सफल हो जाती है तो इसे कोरोना वायरस का सफल इलाज करने वाली पहली दवाई माना जाएगा।