चैतन्य भारत न्यूज
कई बार अपने करीबी लोगों की इच्छा पूरी करने के लिए हम सबकुछ करने को तैयार रहते हैं। मौत के इंतजार के दौरान बहुत कुछ याद भी आता है। हम सोचते हैं कि काश ये भी कर लिया होता है। लेकिन एक कपल है जो लोगों की इस भावना को समझता है और लोगों की अंतिम इच्छाओं को पूरा करता है।
यह मामला नीदरलैंड्स का है, जहां रहने 60 वर्षीय कीस वेल्दोबोर और उनकी पत्नी इंके (61) ‘एंबुलेंस विश फाउंडेशन’ चलाते हैं और लोगों की अंतिम इच्छाओं को पूरा करने का काम करते हैं। यह कपल अब तक लगभग 14000 लोगों की अंतिम इच्छा पूरी कर चुके हैं।
कैसे शुरू हुआ ‘एंबुलेंस विश फाउंडेशन’
खबरों के मुताबिक, कीस वेल्दोबोर को लोगों की अंतिम इच्छा पूरी करने का विचार तब आया, जब वह एक गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को एंबुलेंस से दूसरे अस्पताल ले जा रहे थे। उसी दौरान उन्होंने मरीज से पूछा था कि आप आखिरी पलों को कहां जीना चाहेंगे। इसके बाद से कीस ने लोगों की आखिरी इच्छा को पूरी करना अपना मकसद बना लिया। मरीजों की आखिरी इच्छा को पूरा करने के लिए वह उन्हें बर्फ के बीच, पहाड़ों में, फुटबॉल मैच दिखाने, अस्तबल में, समंदर किनारे पर, कार रेसकोर्स, एग्जीबिशन सेंटर, मछलीघर और चिड़ियाघर जैसे जगहों पर लेकर जा चुके हैं।
पैरामेडिको रह चुके हैं वेल्दोबोर
वेल्दोबोर एक पैरामेडिको रह चुके हैं। उन्होंने 20 साल यह काम किया। इसके बाद उन्होंने खुद की एक एम्बुलेंस खरीदी, ताकि वह लोगों की मदद कर सकें। लोगों की इच्छाओं को साकार करना उन्हें बेहद अच्छा लगता है। उन्होंने बताया कि वे हर दिन छह गंभीर रूप से बीमार लोगों की मदद करते हैं। उन्होंने अपना अनुभव साझा करते कहा कि, ‘वे कई महीनों से बीमार एक महिला को उसकी आखिरी इच्छा के तहत हम उसके आश्रम ले गए। जहां वह महिला एक घंटे तक खड़े होकर चारों तरफ देखती रही। इस दौरान उन्होंने अपनी जिंदगी का बेहतरीन समय वहां बिताया। इसके ठीक दो दिन बाद उनकी मौत हो गई।’