चैतन्य भारत न्यूज।
धर्मपुरी। आमतौर पर चुनाव जीतने के लिए ही लड़ा जाता है, लेकिन एक शख्स ऐसे भी हैं जिसने हारने में महारथ हासिल की है। तमिलनाडु के सलेम के रहने वाले डॉ. पद्मराजन ने साल 1988 में पहली बार चुनाव लड़ने के लिए मैदान में कदम रखा, लेकिन इसमें उन्हें जीत हासिल नहीं हुई, लेकिन इसके बाद भी उनका जज्बा कम नहीं हुआ। इसके बाद वह लगातार चुनावी दंगल में उतरते रहे और हारते रहे।डॉ. के पद्मराजन अभी तक 170 चुनाव लड़कर हार चुके हैं। उन्होंने आगामी चुनाव के लिए धर्मपुरी सीट से अपना अगला नामांकन दाखिल किया है।
देना चाहते हैं संदेश
पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि वह इस बार भी नामांकन दाखिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा इसके पीछे कारण है कि वह यह संदेश देना चाहते हैं कि कोई भी किसी भी चुनाव में लड़ सकता है। पद्मराजन पेशे से होम्योपैथिक डॉक्टर थे और बाद में वह बिजनस करने लगे। इनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में ‘भारत के सबसे असफल उम्मीदवार’ के रूप में भी दर्ज हो चुका है।
इन दिग्गजों के खिलाफ भी लड़ चुके हैं चुनाव…
अटल बिहारी वाजपेयी
डॉ. प्रणब मुखर्जी
मनमोहन सिंह
एपीजे अब्दुल कलाम
जयललिता