चैतन्य भारत न्यूज
हर साल श्रावण मास की सप्तमी तिथि के दिन तुलसीदास जयंती मनाई जाती है। इस साल 7 अगस्त 2019 यानी आज तुलसीदास जयंती है। तुलसीदास को महर्षि वाल्मिकी की संस्कृत में लिखी मूल रामायण को अवधी भाषा में लिखने का श्रेय जाता है, जिसे आज हम ‘रामचरितमानस’ के नाम से जानते हैं।
बता दें एक हिंदू संत और कवि के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले तुलसीदास जी की भगवान राम के प्रति बहुत श्रद्धा थी। तुलसीदास जी की जयंती के खास मौके पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें जिन्हें आप शायद ही जानते होंगे।
- तुलसीदास जी ने अपने जीवन का ज्यादातर समय वाराणसी में बिताया। बता दें वाराणसी में मौजूद गंगा नदी पर बना प्रसिद्ध ‘तुलसी घाट’ उन्हीं के नाम पर रखा गया है।
- वाराणसी में मौजूद भगवान हनुमान का प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर भी तुलसीदास जी द्वारा स्थापित किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि इसी जगह पर तुलसीदास जी को भगवान हनुमान के साक्षात दर्शन हुए थे जिसके बाद यह संकटमोचन मंदिर बनाया गया।
- लोकप्रिय ‘हनुमान चालिसा’ के रचयिता भी तुलसीदास जी हैं, उन्होंने ‘हनुमानाष्टक’ की भी रचना की थी।
- कहा जाता है कि तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की संपूर्ण रचना 2 साल 7 महीने और 26 दिन में पूरी की थी।
- वाराणसी के मानस मंदिर में तुलसीदास का हस्तलिखित रामचरितमानस का अयोध्या कांड अब भी रखा हुआ है। जिसकी देखभाल तुलसीदास जी के प्रथम शिष्य राजापुर निवासी गनपतराम के वंशज कर रहे हैं।
- तुलसीदास जी ने रामचरितमानस के अलावा सतसई, बैरव रामायण, पार्वती मंगल, गीतावली, विनय पत्रिका, वैराग्य संदीपनी, कृष्ण गीतावली आदि ग्रंथ भी लिखा है।
- तुलसीदास जी भगवान श्री राम के भक्त थे। माना जाता है कि कलयुग में इन्हें हनुमान सहित भगवान राम और लक्ष्मण के दर्शन हुए थे।
- तुलसीदास जी ने आखिरी सांस वाराणसी के ही अस्सी घाट पर ली।
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