चैतन्य भारत न्यूज
दिल्ली में पकड़े गए इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के आतंकी अबू युसूफ उर्फ मुस्तकीम के उत्तर प्रदेश में स्थित घर से स्पेशल सेल की टीम ने भारी मात्रा में विस्फोटक और बम बनाने का सामान बरामद किया है। पुलिस को यूसुफ के घर से आईएस का झंडा, ऐम्पीयर मीटर, भारी मात्रा में बारूद, स्टील बॉल समेत कई ऐसे सामान मिले हैं जिन्हें विस्फोटक बनाने में प्रयोग किया जाता है। इतना ही नहीं बल्कि उसके घर से दो मानव बम जैकेट, विस्फोटक, आईएस का झंडा और भड़काऊ साहित्य भी बरामद किए गए हैं।
Balrampur: Incriminating materials recovered from the residence of ISIS operative Abu Yusuf who was arrested yesterday in Delhi. pic.twitter.com/GiKPsoM7Dg
— ANI UP (@ANINewsUP) August 23, 2020
यूसुफ के भतीजे समेत तीन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इसके बाद टीम वापस दिल्ली रवाना हो गई। युसूफ के बलरामपुर स्थित घर से आत्मघाती हमले के लिए शरीर में विस्फोटक को बांधने वाली बेल्ट भी मिली है। इस बेल्ट को बांधकर आतंकी यूसुफ फिदायीन हमला करना चाहता था। बता दें शनिवार को ही छानबीन के दौरान यूसुफ के घर से विस्फोटक व आपत्तिजनक साहित्य बरामद हुए थे। उसकी निशानदेही पर उसके घर के बगल स्थित तालाब से मानव बम में प्रयुक्त होने वाली दो जैकेट मिली थी। करीब चार घंटे तक उसकी पत्नी, बच्चे व पड़ोसियों से पूछताछ करने के बाद अचानक एक टीम और बुलाई गई। इस टीम ने मजूदरों को लेकर मुस्तकीम के घर की खुदाई करवाना शुरू कर दिया। देर रात तक छानबीन हुई।
इस कार्रवाई से पहले तक बलरामपुर पुलिस को मुस्तकीम के आईएसआईएस का सदस्य होने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। दरअसल दिल्ली पुलिस ने शनिवार को जब यूपी के बड़े अफसरों को उसकी गिरफ्तारी और बलरामपुर जिले से संबंध होने की बात बताई गई तो आनन फानन डीजीपी मुख्यालय से बलरामपुर के एसपी देवरंजन वर्मा को अलर्ट कर दिया गया। इसके कुछ देर बाद ही दोपहर करीब 12 बजे बलरामपुर पुलिस ने बढ़या भैसाही गांव को सील कर दिया और मुस्तकीम के घर को घेर लिया था। एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस को पहले वह युसूफ बताकर सबको गुमराह करता रहा था। बाद में पता चला कि उसका असली नाम मुस्तकीम है और बढ़या गांव में रहने वाले कफील खान का बेटा है।
वकील अहमद को आतंकी बेटे की करतूत पर अफसोस है। उन्होंने कहा कि पुरखों ने जो इज्जत कमाई, बेटे ने उसे मिट्टी में मिला दिया। मैंने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में लिखवाई थी। अब तो जो भी करेगी, पुलिस करेगी। मैं चाहता हूं कि एक मर्तबा उसे माफी दे दें। वो दोबारा करे तो कुछ भी कर दीजिएगा।
उसके पिता ने यह भी बताया कि यूसुफ की रीढ़ की हड्डी खिसकी हुई है, जिसका 2 साल से लखनऊ में इलाज चल रहा है। वह शुक्रवार को लखनऊ में मामा के बेटे की किडनी के इलाज के लिए गया था। उसने अपनी बहन को बताया था कि वो उसके घर पर रुकेगा पर वहां नहीं पहुंचा और उसका फोन बंद आने लगा।
यूसुफ की पत्नी ने कहा कि वह घर में गन पाउडर और कई अन्य चीजें इकट्ठी कर रहा था। मैंने जब ऐसा नहीं करने के लिए कहा तो बोला कि उसे रोकने का मुझे कोई हक नहीं। मेरे 4 बच्चे हैं। हो सके तो उसे माफ कर दें। मैं कहां जाऊंगी?’ वहीं अबु यूसुफ के भाई आकिब ने कहा कि, मुझे आईएस के झंडे की पहचान नहीं है मगर रात को झंडा देखा। काले रंग के झंडे पर सफेद रंग से अरबी में ‘अल्लाह हू अकबर ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुन रसूलुल्लाह’ लिखा था। भाई सऊदी और अन्य जगहों पर रहा है।
गौरतलब है कि शुक्रवार देर रात आईएस के एक आतंकी को दो प्रेशर कुकुर आईईडी विस्फोटकों के साथ गिरफ्तार किया गया था। यूसुफ को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक मुठभेड़ के बाद धौला कुआं और करोल बाग के बीच सेंट्रल दिल्ली के रिज रोड एरिया से दबोचा था और उसकी विस्फोट करने की साजिश नाकाम कर दी। पूछताछ में यूसुफ ने पुलिस को बताया है कि उसकी अयोध्या में राममंदिर शिलान्यास के एक महीने के भीतर आतंकी हमला करने की योजना थी। वह हमला करने के लिए दिल्ली के कई इलाकों में रेकी कर चुका था। वह 15 अगस्त के आसपास भीड़ वाले इलाकों में हमले करने की भी फिराक में था, लेकिन कड़ी सुरक्षा होने की वजह से नाकाम रहा।