चैतन्य भारत न्यूज
नोबेल पुरस्कार (Nobel awards) इस समय पूरी दुनिया में चर्चा में हैं। इसी कड़ी में रसायन के लिए भी इस साल के पुरस्कार विजेताओं का ऐलान हो गया। इस बार फ्रांसीसी वैज्ञानिक इमानुएले शारपेंटियर और अमेरिका की जेनिफर ए डुडना को जीनोम एडिटिंग का तरीका विकसित करने के लिए साल 2020 का रसायन का संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। बता दें जीनोम एडिटिंग आनुवंशिक रोगों और यहां तक कि कैंसर के उपचार में भविष्य में मददगार साबित होगी।
BREAKING NEWS:
The 2020 #NobelPrize in Chemistry has been awarded to Emmanuelle Charpentier and Jennifer A. Doudna “for the development of a method for genome editing.” pic.twitter.com/CrsnEuSwGD— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 7, 2020
बता दें 2012 में एमानुएल शारपेंटियर (Emmanuelle Charpentier) और जेनिफर ए. डुडना ने सीआरआईएसपीआर/सीएएस9 जेनेटिक स्नाइपिंग टूल (CRISPR-Cas9 DNA snipping tool) नाम की एक पद्धति विकसित की है। इसका इस्तेमाल जंतुओं, पौधों और सूक्ष्म जीवों के डीएनए को अत्यधिक सूक्ष्मता से बदलने में किया जा सकता है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा स्टॉकहोम में बुधवार को पुरस्कारों की घोषणा की गई।
रसायन विज्ञान के लिए नोबेल समिति के अध्यक्ष क्लेस गुस्ताफसन ने कहा कि, ‘इस आनुवंशिक उपकरण में बहुत बड़ी शक्ति है, जो हम सभी को प्रभावित करती है। इसने न केवल बुनियादी विज्ञान में क्रांति ला दी है, बल्कि कई नई फसलें भी पैदा हुई हैं और इससे नए चिकित्सा उपचारों को बढ़ावा भी मिलेगा।’ नोबेल समिति का मानना है कि इससे मानवता का बहुत भला हुआ। इनकी मदद से जीवों के डीएनए को रिसर्चर अतिसूक्ष्मता के साथ बदल सकते हैं। इस तकनीक के जरिए कैंसर के इलाज में मदद मिली और आनुवांशिक बीमारियों का इलाज संभव हो सका।
महिला वैज्ञानिकों ने क्या कहा
फ्रांसीसी वैज्ञानिक इमानुएले शारपेंटियर ने पुरस्कार की घोषणा होने के बाद बर्लिन से फोन पर पत्रकारों से कहा, ‘मैं बहुत भावुक हो गई थी। मुझे बस यही कहना है। अब तक 111 बार रसायन के लिए नोबेल पुरस्कार दिए जा चुके हैं जिसमें विजेताओं की संख्या 183 है।’ वहीं पुरस्कार की घोषणा होने के बाद डॉडना ने कहा, ‘मुझे पूरी उम्मीद है कि इसका उपयोग भलाई के लिए होगा, जीव विज्ञान में नये रहस्यों पर से पर्दा हटाने में होगा और मानव जाति को लाभ पहुंचाने के लिए होगा।’
1.1 मिलियन डॉलर की राशि
इस प्रतिष्ठित पुरस्कार में 10 मिलियन क्रोना (1.1 मिलियन डॉलर से अधिक) की पुरस्कार राशि के अलावा एक गोल्ड मेडेल दिया जाता है। यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबल की याद में दिया जाता है, उन्होंने 124 साल पहले एक फंड का निर्माण किया था, इसी फंड से दुनिया के अहम खोजों के लिए ये पुरस्कार दी जाती है।