चैतन्य भारत न्यूज
कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित ब्रिटेन ने बुधवार को फाइजर-बायोएनटेक द्वारा तैयार कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति दे दी। अमेरिका और यूरोपीय संघ के फैसले से पहले फाइजर और बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी देने वाला यूनाइटेड किंगडम पहला पश्चिमी देश बन गया है। यह वैक्सीन अगले हफ्ते से ब्रिटेन में उपलब्ध होगा।
This vaccine (Pfizer-BioNTech COVID-19 vaccine) has only been approved because those strict tests have been done and complied with. Everyone can be absolutely confident that no corners whatsoever have been cut: UK’s medicine regulator MHRA chief Dr June Raine https://t.co/Omvaa1LTZe pic.twitter.com/KHsXxxtN7d
— ANI (@ANI) December 2, 2020
भारत में भी इसके प्रयोग को लेकर लोगों के बीच चर्चा शुरू हो गई है। लेकिन सुकून देने वाली इस खबर के बीच भारत के लिए चिंता की बात यह है कि इस वैक्सीन को स्टोर करने के लिए -70 डिग्री के तापमान की आवश्यकता होती है। बिना कोल्ड स्टोरेज की सुविधा के इस वैक्सीन को ट्रांसपोर्ट भी नहीं किया जा सकता है।
ब्रिटेन की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम ने कहा कि यूनाइटेड किंगडम आपातकालीन उपयोग के लिए फाइजर-बॉयोऐनटेक वैक्सीन को अधिकृत करने वाला पहला देश है और अगले सप्ताह से टीकाकरण शुरू होने की उम्मीद है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही फाइजर कंपनी ने ऐलान किया था कि वो लैब में COVID-19 यानी कोरोना की ऐसी वैक्सीन बनाने में सफल हुई है, जो कि वायरस के सामने 96% असरदार है। कल ही जर्मनी की बायोफार्मास्यूटिकल कंपनी बायोएनटेक और उसकी अमेरिकी साझेदार फाइजर ने यूरोपिया संघ के सामने वैक्सीन रजिस्ट्रेशन के लिए औपचारिक आवेदन दिया था।
फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन की कीमत कितनी है
ये वैक्सीन एमआरएनए टाइप की कोरोना वैक्सीन है। क्लिनिकल परीक्षण में यह मरीजों पर 95 फीसदी तक प्रभावी रही है। इस वैक्सीन को रखने के लिए -70 डिग्री तापमान की जरूरत होती है। वैक्सीन को रेफ्रिजेरेटर के तापमान में पांच दिनों तक रखा जा सकता है। कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए इसकी दो खुराक की जरूरत होगी। दोनों खुराकों के बीच तीन सप्ताह का अंतर रहना चाहिए। वैक्सीन की प्रति खुराक की कीमत 15 डॉलर (लगभग 1,126 रुपए) है।