चैतन्य भारत न्यूज
बलरामपुर. उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ हुई हैवानियत को लेकर जहां पूरे देश में आक्रोश है तो वहीं इसी राज्य के बलरामपुर जिले में अब एक 22 साल की युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। बलरामपुर में भी दुष्कर्म के बाद दरिंदों ने पीड़िता के पैर और कमर तोड़ दी थी। बुधवार को पीड़िता की अस्पताल ले जाने के दौरान मौत हो गई। देर रात ही पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस ने मामले में अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
A 22-yr-old woman who was allegedly gang-raped in Balrampur died y’day.
Police say, “She returned home from work y’day on rickshaw with glucose drip inserted in her hand. Her family was taking her to hospital but she died on the way. Named accused arrested. Further probe on.” pic.twitter.com/1Is4uxmpm1
— ANI UP (@ANINewsUP) September 30, 2020
मां से बेटी ने कहा- बहुत दर्द है अब मैं बचूंगी नहीं…
पीड़िता की मां ने बताया कि, उनकी बेटी मंगलवार सुबह 10 बजे बिमला विक्रम कॉलेज में बीकॉम प्रथम वर्ष में दाखिला कराने गई थी। जब उसे घर वापस आने में देर हो गई तो कई बार उसे फोन लगाया, लेकिन बात नहीं हो सकी। रात करीब पौने आठ बजे बेटी बेहद खराब हालत में घर पहुंची। उसे एक रिक्शे वाला घर तक छोड़ गया था। छात्रा ने अपनी मां से पेट दर्द होने की बात बताई। कह रही थी कि उसके पेट में तेज जलन हो रही है। वह अधिक बात करने की स्थिति में नहीं थी। वह सिर्फ इतना कह पाई, ‘बहुत दर्द है अब मैं बचूंगी नहीं। हालांकि बलरामपुर एसपी देव रंजन वर्मा ने कहा है कि हाथ पैर और कमर तोड़ने वाली बात सही नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
कीचड़ से लथपथ घर पहुंची युवती
लेकिन मां का आरोप है कि उसकी बेटी को इंजेक्शन लगाकर हैवानियत की वारदात को अंजाम देने के बाद कमर और दोनों टांगों को तोड़कर रिक्शे पर बैठाकर घर भेज दिया गया। बताया जा रहा है कि जब युवती घर पहुंची तो कीचड़ से लथपथ थी और उसके हाथ में ग्लूकोज चढ़ाने वाला वीगो लगा था। सूत्रों के मुताबिक, दुष्कर्म के दौरान युवती के आंतरिक और बाहरी अंगों में काफी चोटें आई हैं जिसके कारण उसकी मौत हो गई। घटना को लेकर पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने बताया कि मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। घटना की जांच की जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम शाहिद और साहिल है। दोनों गैंसड़ी के रहने वाले हैं।
मेधावी छात्रा थी, किसानों को करती थी जागरूक
जघन्य दुष्कर्म की शिकार पीड़ित दलित छात्रा मेधावी थी। करीब दो साल वह एक संस्था के जरिए किसानों को आधुनिक खेती करने के लिए जागरूक करने का काम भी करती थी।