चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हॉस्टल फीस में हुई बढ़ोतरी और नए हॉस्टल नियमों को लेकर हो रहा विवाद अब भी जारी है। पहले सड़क पर प्रदर्शन, फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेएनयू प्रशासन पर बरसने के बाद छात्र अब भी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। बता दें जब छात्र दिल्ली की सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे, तब दिल्ली पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया। इस दौरान एक दृष्टिहीन छात्र शशिभूषण पांडे भी घायल हुए। बताया जा रहा है कि पुलिस ने उस छात्र को लाठियों से इतना पीटा कि उसे एम्स (AIIMS) के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराना पड़ा।
This is a video of Shashi Bhushan Pandey, the visually challenged JNUSU Councillor who beaten up, from the protest yesterday. He can be seen removing his glasses to show the police he can’t see. But they still drag him on. pic.twitter.com/6iNjRRYkwQ
— Anya Shankar (@AnyaShankar) November 19, 2019
जानकारी के मुताबिक, इतिहास विभाग में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे शशिभूषण ने पुलिस को बताया भी था कि वह देख नहीं सकते हैं और उन्हें न मारें, बावजूद इसके उन्हें मारा गया। जब उन्होंने वहां से भागने की कोशिश की तो पुलिस ने उनके पैरों पर लाठियां मारी। शशिभूषण के मुताबिक, ‘जिस युवक ने मेरी मदद की और मुझे अस्पताल तक लाया उसे भी पीटा गया।’ इसके बाद जेएनयू के दिव्यांग छात्रों ने बुधवार को इस घटना के विरोध में दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करने की बात कही है।
‘जो सबको शिक्षा दे न सके जो वो सरकार निकम्मी है’
शशि ने मीडिया को बताया कि, ‘जब मैंने पुलिसकर्मियों को जानकारी दी कि मैं देख नहीं सकता तो उनमें से एक ने कहा कि अंधा है तो प्रोटेस्ट करने क्यों आता है?’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘देशभर की कई यूनिवर्सिटी अब जेएनयू के साथ इस लड़ाई में खड़ी हैं। हम शिक्षा का निजीकरण नहीं होने देंगे। जेएनयू में पढ़ने वाले छात्र दिल्ली के नहीं हैं। वे यूपी, बिहार, झारखंड और देश के अन्य इलाकों से यहां आते हैं। क्या आप यह कहना चाहते हैं कि यह जगह देशद्रोही बनना सिखाती है?’ उन्होंने यह भी कहा कि, ‘हम अपनी लड़ाई लड़ते रहेंगे और हमारा नारा है- ‘सबको शिक्षा दे न सके जो वो सरकार निकम्मी है, जो सरकार निक्कमी है वो सरकार बदलनी है।”
विजुअली चैलेंज्ड स्टूडेंट्स फोरम ने की पुलिस की निंदा
जानकारी के मुताबिक, जेएनयू के विजुअली चैलेंज्ड स्टूडेंट्स फोरम ने छात्रों के साथ कथित तौर पर हुई मारपीट के बाद दिल्ली पुलिस की निंदा की। साथ ही उन्होंने इस बात पर दुख जताया है कि, ‘किस तरह से पुलिसकर्मियों ने शशि की छाती और पेट पर लात मारी और उसके बाद उसे सड़क पर छोड़ दिया। उनको किसी भी पुलिसकर्मी ने अस्पताल पहुंचाने के बारे में भी नहीं सोचा।’
नहीं हुई शिकायत दर्ज
जब इस पूरे घटनाक्रम के बारे में दिल्ली पुलिस के डीसीपी (सेंट्रल) मंदीप सिंह रंधावा से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि, ‘दिल्ली पुलिस ने किसी भी प्रकार का बल प्रयोग नहीं किया है। उन्होंने कहा कि, ‘यदि इस संबंध में कोई शिकायत दर्ज की गई होगी तो वे इस मामले को जरूर देखेंगे।’
छात्रों की हुंकार- नहीं झुकेंगे
गौरतलब है कि हॉस्टल फीस की बढ़ोतरी को वापस लेने पर छात्र पिछले कई दिनों से अड़े हुए हैं। छात्र संघ ने ऐलान भी कर दिया है कि, जबतक बढ़ी हुई फीस पूरी तरह वापस नहीं होती है, तबतक आंदोलन जारी रहेगा और वह प्रदर्शन करते रहेंगे।