चैतन्य भारत न्यूज
21 अक्टूबर सोमवार को शाम 05.30 से पुष्य नक्षत्र आरंभ हो रहा है जो 22 अक्टूबर मंगलवार को शाम 04.37 तक चलेगा। पुष्य नक्षत्र के दिन सोना, चांदी, वाहन, घर एवं दुकान खरीदना शुभ माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर पुष्य नक्षत्र को इतना शुभ क्यों माना जाता है? अगर नहीं तो चलिए जानते हैं इसके पीछे की वजह।
पुष्य नक्षत्र का महत्व
पुष्य नक्षत्र को सबसे अधिक शुभ माने जाने वाले नक्षत्रों में से एक माना जाता है। इस नक्षत्र के उदय होने पर अधिकतर वैदिक ज्योतिषी शुभ कार्य करने का परामर्श देते हैं। ज्योतिष्यों के मुताबिक, पुष्य नक्षत्र के दौरान चंद्रमा कर्क राशि में स्थित होता है। 12 राशियों में एकमात्र कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है। इसके अलावा चंद्रमा अन्य किसी राशि का स्वामी नहीं है। चंद्रमा धन का देवता है। इसलिए पुष्य नक्षत्र को धन के लिए अत्यन्त पवित्र माना जाता है। इसी कारण सोना, चांदी और नए सामानों की खरीदारी के लिए पुष्य नक्षत्र को सबसे पवित्र माना जाता है।
क्यों की जाती है खरीददारी?
पुष्य नक्षत्र के देवता बृहस्पति देव माने गए हैं और शनि को इस नक्षत्र का दिशा प्रतिनिधि माना जाता है। चूंकि बृहस्पति शुभता, बुद्धिमत्ता और ज्ञान का प्रतीक हैं, तथा शनि स्थायित्व का, इसलिए इन दोनों का योग मिलकर पुष्य नक्षत्र को शुभ और चिर स्थायी बना देता है।
इस दौरान खास तौर से स्वर्ण की खरीदी का महत्व होता है। लोग इस दिन स्वर्ण की खरीदी इसलिए करते हैं क्योंकि इसे शुद्ध, पवित्र और अक्षय धातु के रूप में माना जाता है और पुष्य नक्षत्र पर इसकी खरीदी अत्यधिक शुभ होती है। कहा जाता है कि दिवाली के पूर्व आने वाला पुष्य नक्षत्र विशेष होता है, क्योंकि यह मुहूर्त खास तौर से खरीदारी के लिए शुभ माना जाता है।