चैतन्य भारत न्यूज
मां के प्यार का कर्जा कभी नहीं चुकाया जा सकता है। मां के बलिदान, उनका प्यार और उनके दर्द के आगे हम चाहे जो भी कर लें वह कम ही है। वैसे तो साल का हर एक दिन मां के नाम होने चाहिए लेकिन फिर भी मां के प्रति भावनाएं जाहिर करने के लिए एक खास दिन चुना गया है जिसे दुनियाभर में ‘मदर्स डे’ के रूप में मनाया जाता है। मदर्स डे हर साल मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। इस बार मदर्स डे 10 मई को है।
कैसे हुई मदर्स डे की शुरुआत?
मदर्स डे की शुरुआत अमेरिका से हुई थी। एना जार्विस नाम की एक अमेरिकन एक्टिविस्ट अपनी मां से बहुत प्यार करती थीं। उन्होंने मां के साथ रहने के लिए कभी शादी भी नहीं की थी और न ही उनका कोई बच्चा था। जब एना की मां की मौत हो गई तो उनकी याद में एना ने मदर्स डे की शुरुआत की। फिर धीरे-धीरे कई देशों में मदर्स डे मनाया जाने लगा।
दूसरे रविवार को क्यों मनाया जाता है मदर्स डे?
दरअसल, अमेरिकी प्रेसिडेंट वुड्रो विल्सन ने 9 मई 1914 को एक लॉ पास किया था। इस लॉ में ये लिखा था कि मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाएगा। इसके बाद से ही दुनियाभर में ज्यादातर देशों में मदर्स डे मई महीने के दूसरे रविवार को सेलिब्रेट किया जाने लगा।
कैसे मनाया जाता है मदर्स डे?
वैसे तो मां के प्रति भावनाएं व्यक्त करने के लिए, उन्हें प्यार देने के लिए और उन्हें ढेर सारे तोहफे देने के लिए कोई एक दिन नहीं होता। लेकिन इस खास दिन पर मां को विशेष तौर से सम्मान दिया जाता है और उन्हें खुश करने के लिए ढेर सारे तोहफे भी देते हैं।