चैतन्य भारत न्यूज
महिलाओं की उम्र जैसे-जैसे बढ़ने लगती है वैसे-वैसे उनकी शारीरिक संबंध में रूचि भी कम होने लगती है। यह कई कारणों से हो सकता है जैसे कि पार्टनर की कमी, विधवा हो जाना, मासिक धर्म का स्थायी रूप से बंद हो जाना, साथी का खराब स्वास्थ्य, साथी के व्यव्हार में बदलाव आना या रिश्ते से संबंधित मुद्दे।
‘मेनोपॉज: द जर्नल ऑफ द नॉर्थ अमेरिकन मेनोपॉज सोसायटी’ में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, रोजाना शारीरिक संबंध बनाने वाली महिलाओं की रुचि उम्र के साथ-साथ कम होने लगती है। इनमें रजोनिवृत्ति (मासिक धर्म का स्थायी रूप से बंद हो जाना) के बाद शारीरिक संबंध का आनंद उठाने वाली महिलाओं की संख्या बहुत कम है। रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में इस बात का निरीक्षण किया गया कि किस तरह से स्वास्थ्य, रिश्तों में घनिष्ठता और मनोवैज्ञानिक कारक महिलाओं में यौन अंतरंगता को प्रभावित करती है। नॉर्थ अमेरिकन मेनोपॉज सोसाइटी की चिकित्सा निदेशक स्टेफनी फ्यूबियन ने बताया कि, ‘उम्र बढ़ने के साथ-साथ यौन स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां महिलाओं के सामने आना आम है। इसमें साथी भी महिलाओं की यौन गतिविधि और संतुष्टि में एक प्रमुख कारक निभाते हैं।’
फ्यूबियन ने आगे बताया कि, ‘इसके अलावा रजोनिवृत्ति के बाद शरीर के अंदरूनी हिस्से में सूखापन, साथ ही संबंध बनाते समय दर्द भी यौन गतिविधि को प्रभावित करने वाले कारकों के रूप में किया गया है। चिकित्सालयों में इस तरह की समस्याओं के लिए सुविधाओं के उपलब्ध होने के बावजूद कुछ ही महिलाएं इनसे संबंधित इलाज करवाती हैं। शोधकर्ताओं ने यह भी अध्ययन किया कि रजोनिवृत्ति के दौरान और इसके बाद महिलाओं में शारीरिक संबंध में रुचि क्यों और कैसे घटने लगती है। अध्ययन के कई जैविक कारकों पर भी शोध किया गया जैसे कि अचानक से शरीर का तापमान बढ़ जाना, नींद कम आना, शरीर के अंदरूनी हिस्से में सूखापन और शारीरिक संबंध बनाने के दौरान दर्द आदि।
रिसर्च में पाया गया कि विभिन्न मनोसामाजिक परिवर्तन (जिसका रजोनिवृत्ति के बाद होना आम है) के बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं। इसके अंतर्गत शरीर की बनावट को लेकर अधिक सचेत रहना, आत्मविश्वास, इच्छा, तनाव, मूड में परिवर्तन और रिश्ते से संबंधित मुद्दे शामिल हैं। इन सभी कारणों के चलते ही महिलाओं की शारीरिक गतिविधियों में कमी पाई गई और उनकी शारीरिक संबंधों में रूचि कम होती गई।