चैतन्य भारत न्यूज
आज के समय में कैंसर सबसे ज्यादा गंभीर बीमारी बन गई है। इसी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 4 फरवरी को दुनियाभर में ‘कैंसर दिवस’ (Cancer Day) मनाया जाता है। इस दिन कैंसर की पहचान और इसके रोकथाम के लिए कैंसर से बचाव के उपाय बताए जाते हैं और लोगों को जागरुक किया जाता है।
विश्व कैंसर दिवस का इतिहास
विश्व कैंसर दिवस पहली बार साल 1933 में मनाया गया था। अंतरराष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ ने जिनेवा में पहली बार कैंसर दिवस मनाया। कैंसर के खिलाफ 4 फरवरी 2000 को विश्व कैंसर सम्मेलन आयोजित हुआ था जिसमें यह तय हुआ था कि हर साल 4 फरवरी को पेरिस में कैंसर के खिलाफ जागरुकता फैलाने के लिए इस दिवस को मनाया जाएगा।
कैंसर क्या है?
जब शरीर की कोशिकाओं के समूह अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगते है तो ये कैंसर का रूप धारण कर लेते हैं। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है।
कितने हैं प्रकार
हड्डी में होने वाली गठान को बोन ट्यूमर कहते हैं। इसका इलाज उस हड्डी को शरीर से अलग कर देना ही है। सॉफ्ट टिश्यू यानी ऊतकों में होने वाला कैंसर है। इसमें रेडिएशन देकर कैंसर के प्रभाव को कम किया जाता है। इसके अलावा इस बीमारी का तीसरा प्रकार रक्त कैंसर होता है।
क्या हैं सामान्य लक्षण
- किसी अंग पर गठान बन जाना।
- अचानक शरीर के किसी भाग से रक्त जाना।
- चमड़ी में बदलाव महूसस होना।
- भूख कम लगना।
- खांसी ज्यादा आना।
- खांसी में खून निकलना।
कैंसर होने के कारण
कैंसर कई प्रकार के होते हैं इसलिए उनके होने के कारण भी अलग-अलग होते हैं, जैसे –
- धूम्रपान करना
- अधिक वजन होना
- पौष्टिक आहार ना लेना
- तंबाकू चबाना
- व्यायाम ना करना आदि
हर 6 में से 1 मौत कैंसर से
कैंसर के ज्यादातर मामलों में इस बीमारी के लक्षण आखिरी स्टेज में पता लगते हैं। ऐसे में कई बार मरीज की जान भी चली जाती है। यदि समय रहते कैंसर की बीमारी का पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है। लोग इस बीमारी के प्रति जागरूक रहे इसलिए हर साल कैंसर दिवस मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, हर साल होने वाली छह मौतों में से एक मौत की वजह कैंसर की बीमारी होती है। साल 2018 में कैंसर की बीमारी की वजह से दुनियाभर में 96 लाख से ज्यादा मौतें हुई थी।