चैतन्य भारत न्यूज
जम्मू. भारत में दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज बनकर तैयार होने जा रहा है। यह ब्रिज कश्मीर में चिनाब नदी पर बन रहा है। ब्रिज का काम तेजी से चल रहा है और अब तक लगभग 60 प्रतिशत काम पूरा भी हो चुका है। जानकारी के मुताबिक, यह साल 2021 तक बनकर तैयार हो जाएगा जो कि पेरिस के एफिल टॉवर से भी 35 मीटर (करीब 115 फीट) ज्यादा ऊंचा होगा।
अब तक का सबसे कठिन प्रोजेक्ट
यह भारतीय रेलवे के इतिहास का अब तक सबसे कठिन प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट को कोंकण रेलवे पूरा कर रहा है। इस ब्रिज की कुल लंबाई करीब 1.3 किलोमीटर है। जबकि यह 359 मीटर (करीब 1178 फीट) ऊंचा है। वहीं पेरिस का एफिल टॉवर 324 मीटर (करीब 1063 फीट ऊंचा) है। इस ब्रिज के मुख्य आर्क का व्यास 485 मीटर (1591 फीट) है। इसके सबसे ऊंचे खंभे की ऊंचाई 133.7 मीटर (करीब 439 फीट है)। इस ब्रिज में कुल 17 खंभे लगे हैं। यह ब्रिज कटरा और बनिहाल के बीच 111 किमी रास्ते को जोड़ेगा। पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है।
ब्रिज की खासियत
इस ब्रिज को बनाने में करीब 512 करोड़ रुपए लगेंगे। जबकि पूरी रेल परियोजना की लागत 20 हजार करो़ड़ रुपए है। इसमें 24 हजार टन लोहे और 5462 टन स्टील का इस्तेमाल किया जा रहा है। ब्रिज की सबसे खास बात यह है कि इसे अगर बम लगाकर उड़ाने को कोशिश भी की जाएगी तो वह फेल हो जाएगी। क्योंकि इसका स्टील विस्फोट रोधी है।
इस ब्रिज पर 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम गति से ट्रेन चल सकती है। साथ ही यह पुल 266 किलोमीटर प्रतिघंटा चलने वाली हवा को भी बर्दाश्त कर सकता है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग, शोपियां, पुलवामा, श्रीनगर, बडगाम और बारामुला जिले कवर हो जाएंगे। इसमें करीब 15 स्टेशन आएंगे। इस परियोजना में 62 बड़े और 739 छोटे ब्रिज होंगे। इनके अलावा 10 रोड ओवर ब्रिज भी बनेंगे। इसमें पैदल और साइकिल से चलने वालों के लिए भी अलग से रास्ता होगा।
2002 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य
इस ब्रिज का निर्माण कार्य साल 2002 में शुरू हुआ था लेकिन 2008 में इसे असुरक्षित बताते हुए रोक दिया गया। 2010 से एक बार फिर इसका काम शुरू कर दिया गया। दिसंबर 2021 तक यह बनकर तैयार हो जाएगा। रेलवे के 150 साल के इतिहास में यह सबसे चुनौतीपूर्ण काम है। योजना के मुताबिक, इस ब्रिज में एक ऑनलाइन मॉनिटरिंग और वॉर्निंग सिस्टम भी लगाया जाएगा, ताकि पैसेंजर्स और ट्रेन की मुश्किल हालात में हिफाजत हो सके।